Thursday, January 29, 2009

छोड़ दो ख्वाब देखने की आदत

ये देश मेरा, यानि मेरा हिंदुस्तान। नाम महान है। देश के लोग महान है। देश का सिस्टम महान है। बस महान नही है तो वो लोग जो नेताओं और अफसरशाही से महान होने का सपना देखते हैं। अब कौन समझाए शराफत, कानून और सच की बातों का कोई मतलब नही होता। ये वो ख्वाब हैं, जिन्हें देखना लोगो की आदत बन गई है। भला इस महान लोकतंत्र में ऐसे ख्वाब देखने की इजाजत कैसे दी जा सकती है। ये तो अपराध है, पूरे समाज और सिस्टम के खिलाफ। बताओ नेताओं पर निगरानी की बात और साथ में अफसरों से भी उम्मीद? ऐसा तो नही चलेगा। जिस देश में कभी पंचों को परमेश्वर मन जाता था और पंच भी सुचिता बरतते हुए अपने कर्म और जीवन में सभी कुछ आइने की तरफ साफ रखते थे। उस देश में आज न्याय करने वाले ही अपने आपको छिपाकर रखना चाहते हैं, वहां मर्यादा की बात करते हुए सपने देखने वालों के लिए कोई जगह नही है। महान देश में ऐसे लोगो की कोई जरुरत नही है।

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