Sunday, April 25, 2010

आईपीएल का बुखार और बेखबर ''सरकार''

देश में नौजवानों से लेकर मीडिया तक पर आईपीएल का बुखार चढ़ा हुआ है। क्रिकेट के मैदान में आईपीएल का जुनून पैदा करने वाले ललित मोदी अब खुद इस मामले में खलनायक नज़र आ रहें हैं। ट्विट्टर पर लेख लिखकर देश कि जनता को जानवर कि संज्ञा देने जैसी घटनाओं से चर्चित केंद्रीय मंत्री शशि थरूर भी इसमें फंसे और खुद पर लगे आरोपों के "दाग" से नहीं बच पाए। बहरहाल आईपीएल की खुमारी और ज्यादा बढ़ गयी है। मंत्री जी तो सफाई देते-देते खुद साफ़ हो गए। लेकिन अब उन्ही की तरह मोदी जी कह रहें हैं कि सीट नहीं छोडूंगा। चाहे जो भी हो जाये। इतना ही नहीं धमकी भी दे रहें हैं कि "खेल" "खत्म" हुआ तो हमाम में नंगे रह चुके लोगो का पर्दाफाश कर दूंगा। आखिर वो जानते हैं कि मामले में फंसी हुई किस गर्दन का मौल क्या है। क्योंकि इस महान लोकतंत्र में "गर्दन" नहीं उसकी "मोटाई" देखकर फैसलें होते हैं। यहाँ "रसूख" बहुत मायने रखता है। तभी तो ख़बरें आ रही हैं कि कोई अपने खास खिलाडियों के लिए स्पेशल प्लेन लेकर उड़ गया, क्योंकि उनके पापा उड्डयन मंत्री थे। मैदान में सट्टेबाजी से बदनाम हुआ क्रिकेट इसी बदनामी के कारन अब सत्ता के गलियारों और धनाढ्य लोगो का शौक बन गया है। आप खुद देखिये क्रिकेट संघ के एक पदाधिकारी कोई और नहीं देश के कृषि मंत्री हैं। ये वो मंत्रालय है जिसका जिम्मा लोगो को सस्ता अनाज और खाने की चीजें मुहैयाँ करना हैं। लेकिन उनका मंत्रालय अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहा है। और जनता के रहमोकरम पर चुने गए नेताजी महंगाई कम करने नहीं बल्कि क्रिकेट के "खेल" को "सफाई" से करने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। अब तो इस करोडो के खेल में उनकी संसद बेटी के पति को भी फायदा मिलने जानकारियां सामने आ रही हैं। देश कि जनता भूखी रही है। लेकिन जिम्मेदार सरकार के होनहार नेता मैदान के खेल को सत्ता के गलियारों से ले जाकर करोड़पतियों की तिजोरी में पहुँचने में जुटे हुए हैं। लेकिन सरकार बेखबर है। हालाँकि हल्ला मच रहा है। लेकिन तब तक, जब तक कि मीडिया को इससे बड़ी कोई घटना या घोटाला नहीं मिल जाता। इतिहास गवाह हैं। हादसें ख़बरों का रुख मोड़ते रहे हैं और घोटालों के दौरान बेशर्मी से मुस्कराकर "कानून" में "विश्वास" जताने वाले लोग आज भी इस "महान लोकतंत्र" में "आज़ादी" से "सुरक्षा" के साथ घूम रहे हैं। ''खेल'' था ''हो'' गया। लोगो को समझना होगा। क्योंकि ऐसा ही है ''ये देश मेरा''

1 comment:

  1. उम्दा सोच पर आधारित प्रस्तुती के लिए धन्यवाद / ऐसे ही सोच की आज देश को जरूरत है / आप ब्लॉग को एक समानांतर मिडिया के रूप में स्थापित करने में अपनी उम्दा सोच और सार्थकता का प्रयोग हमेशा करते रहेंगे,ऐसी हमारी आशा है / आप निचे दिए पोस्ट के पते पर जाकर, १०० शब्दों में देश हित में अपने विचार कृपा कर जरूर व्यक्त करें /उम्दा विचारों को सम्मानित करने की भी व्यवस्था है /
    http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html

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