Monday, September 21, 2009

सच का सामना आएं नेताजी तो क्या हो

चर्चित और विवादित टीवी कार्यक्रम सच का सामना में इस बार एक नेताजी मंच पर बैठे हुए थे। एंकर ने पहला सवाल दागा कि क्या आपको टिकट ईमानदारी और मेहनत के कारण मिला था। पहले ही सवाल को सुन ठंडी हवा फेंक रहे एसी के सामने बैठे नेताजी के माथे पर पसीना नजर आने लगा। नेताजी शायद यह सोच रहे थे कि जवाब देते ही उनका तिया-पांचा होना तय हैं। सच बोला तो जनता जूते मारेगी और जवाब हां में दिया तो पहली ही बॉल पर बोल्ड होना तय हैं।

दर्शकों में नेताजी के कुछ राजदार भी बैठ हुए थे। उनमें नेताजी के ऐसे चव्वे भी थे जिन्हें नेताजी विपरित परिस्थितियों से निपटने के लिए खास मित्र बताकर साथ लाए थे। उनमें से एक चव्वा सामने लगा बजर बजाना ही चाहता था कि नेताजी ने इशारे से इंकार कर दिया। चव्वा परेशान यह नेताजी को क्या हो गया है? खुद ही अपनी फजीहत क्यों कराना चाह रहे हैं? मगर वह नेताजी की राजनीति और हार्ट-अटैक से बहुत ज्यादा वाकिफ नहीं था। वह सोच ही रहा था कि नेताजी ने अचानक से सीने पर हाथ रखा और नेताजी को हाट-अटैक हो गया। बेचारा एंकर भी परेशान। सोचने लगा कि नेताजी के हार्ट-अटैक का कारण उसे मान लिया गया तो घर और स्टूडियो पर पथराव और धरने-प्रदर्शन का दौर शुरू हो जाए।

अभी वह सोच ही रहा था कि डायरेक्टर ने मोबाइल पर फोन कर दिया। बोला कहीं नेताजी भगवान को प्यारे हो गए और मौत के कारणों की जांच के लिए गठित कमेटी के सामने पॉलीग्राफ मशीन ने हार्ट-अटैक का सही कारण बता दिया तो, तुम्हारा तो जो होना है होगा, मैं तो मुफ्त में ही मारा जाऊंगा। नेताजी भी इस पूरे प्रकरण में एक आंख खोलकर नजारा देख और सुन-समझ रहे थे। अब चूंकि पसीना एंकर के माथे पर रहा था तो बेचारे नेताजी को तरस गया और तेज चिल्लाते हुए बोले मुझे रेस्ट रूम में ले चलो।

पहले से ही अपनी हालत पर घबराया एंकर उन्हें कमरे में ले गया और जैसे ही नेताजी को बिस्तर पर लिटाया, उन्हांेने कहा बाकी लोगों को बाहर भेज दो और केवल तुम रूक जाओ। एंकर परेशान कि उसके साथ यह क्या होने जा रहा है। मगर पहले ही घबराया था तो नेताजी की बात मानने के अलावा कोई चारा नजर नहीं आया। जैसे ही उसने सभी लोगों को बाहर निकालकर दरवाजा बंद किया, नेताजी मुस्कराते हुए उठकर चहलकदमी करने लगे। बोले बेटा तुम्हारी उम्र कितनी है? हमें ही फंसाना चाह रहा था? हम इतने घोटाले करते हैं और लाखों लोगों को चुनाव के कुछ ही दिनों में बेवकूफ बनाने का हुनर जानते हैं और तुम हमारे ही उस्ताद बनने के चक्कर में थे। अभी वह कुछ बोल ही पाता कि नेताजी फिर से बोलने लगे, कि हार्ट-अटैक आम इंसान के लिए ही परेशानी का कारण होता है। हमें तो यह जब भी आता है, मदद ही करता है। और हां यह भी बता दे रहे हैं कि हममें हार्ट ही नहीं है तो अटैक कैसे पड़ेगा। एंकर को सब समझ में गया और उसने कान पकड़कर तौबा कर ली कि भविष्य में किसी कार्यक्रम में किसी नेता को नहीं बुलाएगा। दरअसल नेताजी की जगह एंकर खुद ही 'सच का सामना" कर चुका था।

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